भारत-पाकिस्तान के बीच फिर तनाव: 2025 में युद्ध के कगार पर

भारत-पाकिस्तान के बीच फिर तनाव: 2025 में युद्ध के कगार पर
लेखक: (Anshu Singh) | दिनांक: 10 मई 2025


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परिचय

भारत और पाकिस्तान के बीच 2025 का यह तनाव केवल एक सामान्य सीमा विवाद नहीं है। यह एक ऐसी स्थिति बन चुकी है, जिसने पूरे दक्षिण एशिया को चिंता में डाल दिया है। 10 मई को हुई घटनाओं ने 1999 के कारगिल युद्ध के बाद की सबसे गंभीर सैन्य टकराव की स्थिति पैदा कर दी है।


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तनाव की शुरुआत कैसे हुई?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दर्दनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सीधे तौर पर पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। यही वह चिंगारी थी जिसने दोनों देशों के बीच सैन्य प्रतिक्रिया की आग भड़का दी।


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"ऑपरेशन सिंदूर" – भारत की जवाबी कार्रवाई

7 मई को भारतीय सेना ने "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए गए। यह हमला एक सख्त संदेश था कि भारत अब किसी भी प्रकार के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।


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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: "ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूज़"

10 मई की सुबह पाकिस्तान ने जवाबी हमला करते हुए भारत के पठानकोट और उधमपुर एयरबेस सहित कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले ने दोनों देशों को सीधी सैन्य टकराव की स्थिति में ला खड़ा किया।


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क्षति और मानवीय प्रभाव

दोनों देशों में अब तक कम से कम 50 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सैनिकों के साथ-साथ निर्दोष नागरिक भी शामिल हैं। श्रीनगर, जम्मू, लाहौर और पेशावर जैसे शहरों में विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई दी हैं। हजारों लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं।


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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका, यूएन और G7 देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने साफ़ कर दिया है कि अमेरिका इस संघर्ष में कोई सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन राजनयिक स्तर पर तनाव कम करने की कोशिशें की जा रही हैं।


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निष्कर्ष: क्या यह नया युद्ध होगा?

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि शांति केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। अब सवाल यह है — क्या यह केवल एक अस्थायी टकराव है या फिर हम एक और युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?


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आपकी राय क्या है?

क्या भारत को और सख्त कदम उठाने चाहिए? या शांति वार्ता ही एकमात्र समाधान है? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें।

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